बप्पी लहरी बोले- बालासुब्रमण्यम को एक बार गाना बता दो तो सीख लेते थे, ललित पंडित ने कहा- वे किशोर कुमार को टक्कर देने वाले एकमात्र इंसान थे
जाने-माने प्लेबैक सिंगर एसपी बालासुब्रमण्यम का 74 साल की उम्र में शुक्रवार को निधन हो गया। वे पिछले करीब डेढ़ महीने से चेन्नई के एक अस्पताल में भर्ती थे, जहां उनका कोरोना का इलाज चल रहा था। 50 साल के सिंगिंग करियर में बाला ने बॉलीवुड के कई म्यूजिक डायरेक्टर्स और सिंगर्स के साथ काम किया। जिनमें से कुछ ने दैनिक भास्कर के साथ उनसे जुड़े कुछ किस्से साझा किए।
ललित पंडित : किशोर कुमार को टक्कर देने वाले एक ही इंसान थे एसपी बालू जी
संगीतकार ललित पंडित ने बालू से जुड़ी यादें शेयर करते हुए बताया, 'एसपी जी बहुत मंजे हुए सिंगर थे। उनका रिकॉर्ड तो अविश्वसनीय है। बड़े ही गुणी इंसान थे। ‘सागर’ में किशोर कुमार के साथ कोई उनकी मस्ती के साथ मैच कर सकता था तो वो एकमात्र बालू सुब्रमण्यम ही थे। ‘यूं ही गाते रहो’ गाने में ऋषि कपूर और कमल हासन थे। उसमें किशोर कुमार को बालू जी ने जोरदार टक्कर दी थी। बालू की याददाश्त और ग्रास्पिंग पावर अपने समकालीनों से मीलों आगे थी। कोई भी गाना वो दो बार सुनकर ही याद कर लेते थे और पूरा गा देते थे।'
ललित के मुताबिक, 'वो एक्सप्रेशन में गाने लिखा भी करते थे। हमारे यानी जतिन-ललित के करियर में बालू जी के सिवाय किसी और गायक के साथ एक चीज नहीं हुई। वो है एक ही दिन में किसी फिल्म के पूरे गाने रिकॉर्ड होना। फिल्म थी ‘वादे-इरादे’। उसमें पांच गाने थे और उन्होंने रिक्वेस्ट की थी कि वो मद्रास से सुबह की फ्लाइट से आकर रात वाली से वापसी कर लेंगे। हमें हैरानी हुई कि एक दिन में पांच गाने कैसे रिकॉर्ड होंगे। तो उस पर उन्होंने कहा कि अगर काम संतोषप्रद नहीं हुआ तो वे वापसी की फ्लाइट कैंसिल कर लेंगे।'
आगे उन्होंने बताया, 'यकीन मानिए, उन्होंने उस पूरे दिन बिना कुछ खाए पूरा गाना रिकॉर्ड किया और फिर गए। जैसे लता दीदी सुर की पक्की हैं, ठीक वही हाल बालू जी का था। हम खुद अमूमन सिंगर्स से काफी रियाज के बाद गवाते हैं। तभी हमारे साथ काम कर चुके नौ गायकों को फिल्मफेयर अवॉर्ड मिल चुके हैं। मगर बालू जी के साथ ऐसा नहीं करना पड़ा। वो इतने माहिर जो थे। एयरपोर्ट से स्टूडियो सेंटर आने जाने में ढाई घंटे लगते थे। वो वक्त जोड़ने के बाद भी बालू जी ने एक दिन में पूरी फिल्म के गाने रिकॉर्ड कर दिए थे।'
'उनके सुर कभी ऊपर नीचे नहीं लगते थे। सुर पक्के थे तभी वो गायकी के दौरान एक्सप्रेशन ले आया करते थे कि इस अंतरे या मुखड़े पर जरा रोमांस ले आइये। वो बाकयदा पेपर पर लिखे हुए गानों पर मार्क कर देते थे। फिर गाते थे। जरूरत पड़े तो कॉमेडी कर लें। लता जी की तरह उनकी इंटोनेशन बिल्कुल परफेक्ट थी। लता जी जिस तरह परफेक्ट नोट लगाती हैं, जो कि बिल्कुल निखर कर आता है, ठीक वही हालत एसपी बालू जी की थी।'
'यह जरूर था कि उनके उच्चारण को संभालना पड़ता था, क्योंकि साउथ इंडियन एक्सेंट आता ही था। हजारों में उन्होंने साउथ में गाने गाए हैं तो वह लहजा निश्चित तौर पर रह ही जाता है। असर आना लाजिमी था।'
राम-लक्ष्मण: 'मैंने प्यार किया' के वक्त पूरी टीम नई थी, इसलिए सलमान पर एसपी बालू जी की आवाज ट्राई की
संगीतकार राम-लक्ष्मण ने बालू को याद करते हुए कहा, ‘मैंने प्यार किया’ के दौरान सलमान, भाग्यश्री, सूरज बड़जात्या जी और मैं खुद सब नए थे। नई टीम थी। लिहाजा गीत-संगीत में भी हम नयापन चाह रहे थे। गायकी में जरूर लता जी की अनुभवी आवाज थी।'
'उस वक्त तक रफी साहब का देहांत हो चुका था, किशोर दा भी नहीं थे और मुझे बालू जी के सिवाय तत्कालीन सिंगर्स में से कोई पसंद नहीं थे। वो इसलिए क्योंकि उसके थोड़े दिन पहले ही ‘एक दूजे के लिए’ में बालू जी की आवाज पसंद आई थी। वो भी रोमांटिक फिल्म थी। बालू जी से जो गाने लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल जी ने गवाए थे, वे हिट थे। तभी अपने कंपोजिशन के लिए बालू जी को बुलाया। हम ऐसी आवाज चाहते थे, जो दीदी के सामने टिक सके।'
'लता जी को कोई आपत्ति नहीं थी। वो इसलिए क्योंकि बालू जी साउथ में पॉपुलर तो थे ही हिंदी में भी वो कमल हासन आदि की आवाज थे ही। बालू जी की हिंदी में साउथ इंडिया का लहजा आता तो था। पर रिकॉर्डिंग के दौरान रियाज कर वो दूर हो जाया करता था। हमने जब-जब उनके और सलमान के साथ मिलकर गाना किया, हमारे हीरो तो बालू जी ही हुआ करते थे।'
'पांच-छह महीने पहले बात हुई थी उनसे। उन्होंने मेरी सेहत का हाल पूछा था। मेरे गानों का हीरो मैंने खो दिया। हमने 25 फिल्में साथ में कीं। मेरी फिल्मों के गानों में सलमान के लिए सदा उनकी ही आवाज रही। ‘हम साथ-साथ हैं’ से जरूर हमारा साथ छूटा। वो इसलिए क्योंकि वो सोलो हीरो फिल्म नहीं थी। तीन हीरो थे। फिल्म का जॉनर अलग था। वहां फिर हमने हरिहरन आदि को अपनाया। उसके बाद ‘हंड्रेड डेज’ में जैकी श्रॉफ पर भी उनकी आवाज फिट बैठती थी। तो सलमान के साथ कोई ऐसी मनमुटाव वाली बात नहीं थी।'
‘बॉम्बे फिल्म लेबोरेट्री’ में वो जब भी मद्रास से आते थे तो उनकी आवाज से ही पूरे माहौल में ताजगी घुल जाती थी। ‘एक दूजे के लिए’ के टाइम पर भी एसपी बालू जी पॉपुलर हुए थे, मगर एक बार फिर ‘मैंने प्यार किया’ से वो छा गए।
बप्पी लहरी: बालासुब्रमण्यम को एक बार गाना बता दो तो सीख लेते थे
बप्पी लहरी ने शेयर करते हुए बताया, 'एसपी बालासुब्रमण्यम के साथ मैंने हिंदी, तमिल और तेलुगू में बहुत काम किया। एक पिक्चर थी- 'इंसाफ की आवाज' इसमें गाना था- इरादा करो तो पूरा करो...। इसे उन्होंने लता मंगेशकर के साथ गाया था। इसके बाद फिल्म- 'फर्स्ट लव लेटर' में उन्होंने लता मंगेशकर के साथ दीवानी-दीवानी... दीवाना तेरा हो गया... गाया। इस तरह हमने साथ में बहुत काम किया। वे दुनिया के लीजेंड में से एक थे। एक बार गाना बता दो तो सीख जाते थे, उन्हें दोबारा बताना नहीं पड़ता था। ऐसे गुणी सिंगर कम ही होते हैं। हम लोगों के लिए बहुत बड़ा लॉस हो गया। बालासुब्रमण्यम साहब हंसमुख स्वभाव और बहुत अच्छे नेचर के थे। भगवान उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें।'
राजेश्वरी लक्ष्मीकांत: डैडी उन्हें गाने के लिए बुलाते रहते थे
'बालू अंकल के साथ मैंने ये राजू ये डैडी... (फिल्म- एक ही भूल) में गाया। उन्होंने बहुत सपोर्ट किया। मेरे डैडी लक्ष्मीकांत ने बालू अंकल से कहा कि कुछ अपने मन से गाइए और राजेश्वरी को भी वैसे ही गवाइए। उन्होंने मुझे इतने सरल तरीके से समझाया कि मैं सहज ही समझ गई। उन्होंने इतनी सरलता से पूरा गाना गाया कि ऑन द स्पॉट उन्हें फॉलो कर सकी। खैर, जब वे चेन्नई से मुंबई रिकॉर्डिंग के लिए आते थे, तब डैडी घर पर उन्हें डिनर के लिए जरूर बुलाते थे।'
'जब कभी डैडी भी चेन्नई जाते थे तो उनके घर जाते थे। डैडी कहते थे कि मैं रिकॉर्डिंग स्टूडियो में उन्हें सिर्फ 15 मिनट पहले बुलाता हूं। इससे पहले उन्हें आने की जरूरत नहीं होती, क्योंकि वे 15 मिनट में ही गाना पिक कर लेते थे। इतनी जल्दी गाने को पकड़ लेते थे कि तारीफ में कहते थे कि आप अपने घर का पता दो, इस पर वह मुस्कुरा देते थे। मुझे ही नहीं, मेरी मम्मी का भी फेवरेट जो गाना है, वो है- 'हम-तुम दोनों जब मिल जायेंगे एक नया इतिहास बनाएंगे...'
'मुझे लगता है कि 'एक दूजे के लिए' का यह गाना उनका पहला हिंदी गाना था। उसके बाद एक ही भूल, रास्ते प्यार के, जरा सी जिंदगी, अग्निपथ आदि फिल्मों में गाने के लिए बुलाते रहते थे। उनका जब से एसोसिएशन हुआ तब से उनसे गाने लेते ही रहते थे। पता नहीं पिताजी को क्या सूझा कि एक ही भूल फिल्म में पहली बार गाने वाली थी, तब डैडी ने बालू अंकल को ही बुलाया। और किसी से भी गवा सकते थे। खैर, बालू अंकल जाना इंडस्ट्री के लिए बहुत बड़ी क्षति है। वेरी सैड न्यूज। उन्हें मेरी भावपूर्ण श्रद्धांजलि।'
(जैसा अमित कर्ण और उमेश उपाध्याय को बताया)
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