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उच्च शिक्षण संस्थानों के एक हजार छात्रों का स्टार्टअप चयन होने पर तीन साल में मिलेंगे 30 लाख रुपये

 


अब दिव्यांग और एससी युवाओं को स्टार्टअप में भी आरक्षण मिलेगा। सरकार ऐसे छात्रों को आगे बढ़ाने के मकसद से अंबेडकर सोशल इनोवेशन इन्क्यूबेशन मिशन के तहत इसी हफ्ते स्टार्टअप योजना ला रही है। एक हजार छात्रों को 3 साल के लिए स्टार्टअप में 30 लाख रुपये की धनराशि भी दी जाएगी। अभी तक स्टार्टअप में कंपनी शुरू करने के लिए छात्रों को पैसे का इंतजाम खुद करना पड़ा है। देश के सभी तकनीकी उच्च शिक्षण संस्थान, बिजनेस व मैनेजमेंट स्कूल के अलावा सामान्य विश्वविद्यालय के छात्र भी इस योजना का लाभ उठा सकते हैं। इसके अलावा स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन के छात्रों भी जुड़ेंगे। 
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अपने संस्थान के टेक्नोलॉजी बिजनेस इंक्यूबेटर सेंटर में देना होगा प्रोजेक्ट, हर 6 महीने में मूल्यांकन
सामाजिक न्याय व सशक्तिकरण मंत्रालय के सचिव आर सुब्रह्मण्यम के मुताबिक, दिव्यांग और एससी छात्र डिग्री प्रोग्राम की पढ़ाई पूरी करने के बाद नौकरी तलाशते हैं। क्योंकि आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण उनके पास अन्य मौका नहीं होता है। इसलिए ऐसे छात्रों या युवाओं को आगे बढ़ाने के लिए अंबेडकर सोशल इनोवेशन इन्क्यूबेशन मिशन के तहत स्टार्टअप योजना शुरू की जा रही है।

दिव्यांग और एससी युवाओं को स्टार्टअप में आरक्षण
इसमें वेंचर कैपिटल फंड के माध्यम से स्टार्टअप के लिए पैसा आएगा। वर्ष 2020 से लेकर 2024 तक योजना का प्रारूप तैयार किया गया है। इसमें चार सालों में एक हजार दिव्यांग और एससी छात्रों को तीन-तीन साल तक इस स्टार्टअप योजना का लाभ मिलेगा। इसमें चयनित स्टार्टअप में 30 लाख रुपये दिये जाएंगे। 

मूल्यांकन में प्रोजेक्ट रिपोर्ट में कमी पर रूकेगा फंड: 
इस योजना में चयनित सभी स्टार्टअप का विशेषज्ञ मूल्यांकन भी करेंगे। यदि टीम मूल्यांकन के दौरान स्टार्टअप प्रोजेक्ट में कमी या अधूरा मिलता है तो ऐसे मामलों में फंड (पैसा) रूक जाएगा। मूल्यांकन हर छह महीने में होगा। 

अपने कॉलेज के स्टार्टअप आइडिया देना होगा: 
इस योजना का लाभ उठाने के लिए दिव्यांग और एससी छात्र को अपने कॉलेज के टेक्नोलॉजी बिजनेस इंक्यूबेटर सेंटर में अपने स्टार्टअप का आइडिया या प्रोजेक्ट रिपोर्ट देनी होगी। यहां से चयनित आइडिया को ही आगे फाइनल चयन के लिए भेजा जाएगा।

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